Different Types small amplifiers

ऑपरेशनल एम्पलीफायर 

परिचय : इस एम्पलीफायर की कम कीमत और बहुत अच्छा काम करने की छमता के कारण इसका प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्स में बढ़ता जाता है | इस एम्पलीफायर ली बिल्डिंग ब्लॉक बहुत से सर्किट की समस्याओ का हल प्रदान करता है | जब एम्पलीफायर में दो अलग – अलग इनपुट सिग्नल दिए जाते है तब यह एम्पलीफायर उसमे अंतर स्पश्ट करता है | इस प्रकार का एम्पलीफायर जिसमे दो इनपुट होते है उसको डिफ्रेंशियल एम्पलीफायर कहते है 

वोल्टेज और एम्पलीफायर में अंतर 

वोल्टेज एम्पलीफायर का मुख्या लछ्य इनपुट  सिग्नल के वोल्टेज को बढ़ाना है | इसमें पावर लेवल को इतना बढ़ावा नहीं मिलता है | वोल्टेज एम्पलीफायर को छोटे सिग्नल का एम्पलीफायर भी कहा जाता है | इनको यंत्रो के आरंभिक स्टेजो में लगाया जाता है | इनको अच्छे खासे वोल्टेज गेन प्राप्त करने के लिए बनाया जाता है | ऑडियो प्री -एम्पलीफायर इसका उदहारण है | 
पावर एम्पलीफायर – इसके द्वारा पावर लेवल को बढ़ाया जाता है इस प्रकार के एम्पलीफायर को यंत्रो के आखिरी स्टेजो में लगाया जाता है | आरम्भ की कई स्टेजो में वोल्टेज को बढ़ाने के बादउसको और बढ़ाना सम्भब नहीं होता क्योकि लोड लाइन पूरी तरह कवर हो चुकी होती है यदि इसके बाद भी वोल्टेज बढ़ाये  तब डिस्टॉर्शन आरम्भ हो जाएगी आखरी स्टेज में करंट बहुत चाहिए | यही कारण

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